Monday, May 20th, 2024

करोड़ों का गबन करने वाले जेल में बैठे हमीदिया कालेज के प्रोफेसर यूनिस खान नहीं हुए निलंबित

छिंदवाड़ा स्थित शॉपिंग काम्पलेक्स की 16 दुकानें फर्जी तरीके से आवंटित कर बोर्ड का लगाया 25 करोड़ का चूना

भोपाल 
हमीदिया कालेज प्रोफेसर युनिस खान को 48 घंटे की न्यायिक अभिरक्षा में जेल में बंद होने के बाद निलंबित नहीं किया गया है। जबकि उनके खिलाफ करोड़ों रुपए का गबन करने का आरोप लगाया गया है। प्रोफेसर खान ने वक्फ बोर्ड में रहते हुए छिंदवाड़ा के शापिंग काम्पलेक्स की करीब डेढ दर्जन दुकानें बेच दी हैं। 

शाहजहानाबाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उच्च शिक्षा विभाग ने हमीदिया कालेज से प्रोफेसर यूनिस खान के सभी दस्तावेज तलब कर लिए हैं। 

थाने से मिली जानकारी के मुताबिक छिंदवाड़ा वक्फ बोर्ड में पंजीकृत अंजुमन इस्लाम कमेटी द्वारा एक शॉपिंग काम्पलेक्स का निर्माण कराया गया था। उक्त काम्पलेक्स में करीब 40 दुकानें थी। कमेटी द्वारा दुकानें आवंटित की जाती थी, जिसका अप्रवूल भोपाल स्थित कार्यालय से होता था। 

इस दौरान पूर्व सीईओ यूनिस खान ने 16 दुकानें फर्जी तरीके से सीधे खुद आवंटित कर दी। इसके एवज में उन्होंने चार-चार लाख रुपए लोगों से जमा कराए। जबकि एक दुकान की प्रीमियम राशि 40 लाख रुपए थी। फर्जीवाड़ा कर पूर्व सीईओ ने बोर्ड को करीब 25 करोड़ रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई। सीईओ ने उक्त धोखाधड़ी कर्मचारी खुशालम अली के साथ मिलकर की। ठगी का खुलासा होने पर वक्फ बोर्ड द्वारा जांच की गई। जांच के बाद बोर्ड के वर्तमान सीईओ मोहम्मद अहमद खान ने इसकी शिकायत शाहजहांनाबाद थाने में की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर यूनिस खान को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि खुशालम फरार है। 

पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। विभाग ने कालेज से यूनिस खान से संबंधित सभी दस्तावेजोंको मंगा लिया है,लेकिन उन्हें निलंबि तरने की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई है। इसलिए तीन दिन बीतने के बाद वे निलंबित नहीं हो सके हैं। जानकारी के मुताबिक ऐसे प्रकरण में मंत्री पटवारी का अनुमोदन होना जरूरी होता है। 

 मंत्री के था आना जाना 
कृषि मंत्री सचिन यादव से प्रोफेसर युनिस खान के अच्छे संबंध थे,जिसके कारण वे कालेज से मुक्त होने के बाद उनके कार्यालय पहुंचकर विभागीय फाइलों को देखा करते थे। जानकारी के मुताबिक वक्फ बोर्ड से मुक्त होने के बाद मंत्री यादव ने उन्हें उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी से कहते हुए हमीदिया कालेज में पदस्थ कराया था, ताकि वे समय-समय पर उनकी विभागीय फाइलों पर अपना मत दे सकें। 

Source : Mp Education

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